क्षेत्रसिंह के पुत्र महाराणा लाखा सन् 1373 ई. में गद्दी पर बैठे तथा राज्य का विस्तार किया। उन्होंने दिल्ली के सुलतान की सेना को बदनोर के पास बुरी तरह हराया था। महाराणा लाखा ने अनेक तालाब व किले बनवाये तथा खिलजी
द्वारा तोड़े गये चित्तौड़ के महल व मन्दिरों की मरम्मत करवाई। इनके
शासनकाल में ही जावलर स्थान पर चांदी और सीसे की खान का पता
लगा था।
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जय हो महाराणा प्रताप सिंह जी
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